दरभंगा....आज अखिल भारतीय मिथिला संघ के तत्वाधान में दरभंगा के महाराजाधिराज डॉक्टर सर कामेश्वर सिंह की 116 वीं जयंती सितायन के सभागार में मनाई गई। महाराजाधिराज की जयंती सभा की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय मिथिला संघ दरभंगा के अध्यक्ष विनय कुमार झा उर्फ़ संतोष झा ने कहा कि महाराजाधिराज वैसे तो मिथिला क्षेत्र के राजा थे परंतु वे संपूर्ण देश के विकास करने को महत्वाकांक्षी थी। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय की स्थापना, काशी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना, कोलकाता विश्वविद्यालय की स्थापना, 1939 में ही बिहार में मैथिली की एमए तक मान्यता दिलाने का काम किया। उन्होंने उद्योगों को मिथिला क्षेत्र में विस्तार कर यहां के किसानों एवं मजदूरों को अपने घर में ही रोजगार देने का काम किया अर्थात लोहट चीनी मिल, सकरी चीनी मिल, मुक्तापुर समस्तीपुर में जूट मिल, कटिहार जूट मिल, आर्यावर्त, इंडियन नेशन, मिथिला मिहिर प्रेस पटना में स्थापित किया। उस समय मिथिला क्षेत्र के किसान मजदूर को अन्य राज्य में मजदूरी करने नहीं जाना पड़ता था। यहां के कृषक ईख, पटूआ का उत्पादन कर चीनी मिल एवं जूट मिल भेज कर नगद प्राप्त करते थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष बाद आज यहां के किसान मजदूर भेड़ बकरी की तरह ट्रेनों में ठूस कर अन्य राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं।महाराजाधिराज ने हवाई अड्डा का निर्माण दरभंगा में किया। जिससे आज केंद्र सरकार द्वारा हवाई अड्डा संचालित किया जाता है। प्रवक्ता रोशन कुमार झा ने कहा कि दरभंगा हवाई अड्डा का नामकरण महाराजा कामेश्वर सिंह के नाम से किया जाए। मिथिला संघ दरभंगा में आयुक्त कार्यालय के समक्ष दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराजा कामेश्वर सिंह के नाम से करने हेतु एक दिवसीय धरना भी दिया था। वर्ष 1962 में जब भारत एवं चीन से युद्ध हुआ था। उस समय देश की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक दौड़ से गुजर रही थी। उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने देश के सभी राजाओं से मदद की गुहार की थी। जिस पर दरभंगा के महाराजा स्वर्गीय डॉक्टर सर कामेश्वर सिंह ने राज कैंपस में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री मोरारजी देसाई को 15 मन सोना देश को दान में देकर हवाई जहाज से दिल्ली रवाना किया। ऐसे महादानी महान राष्ट्रवादी, निष्ठावान समाजसेवी, शैक्षिक जगत के दानवीर, पत्रकारिता के शौकीन , राजनीतिज्ञ,परोपकारी महाराजा कामेश्वर सिंह को कोटि-कोटि नमन करता हूं। साथ ही इस सभा के माध्यम से अपील करता हूं कि उनके वंशज राजकुमार कपिलेश्वर सिंह को राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया जाए। सभा को संबोधित करने वालों में महासचिव सुरेंद्र नारायण मिश्र, उपाध्यक्ष रामनाथ पंजियार, अधिवक्ता बलजीत कुमार झा, मैथिली सेनानी कमलेश झा, एआईएसएफ के राज्य सह सचिव शरद कुमार सिंह, हम पार्टी के श्रम प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके दत्ता, गुड्डू भगत, प्रभाकर सिंह बिट्टू, शशि रंजन सिंह, गणेश मंडल, राकेश कुमार,राम कुमार सिंह, बबलू कुमार आदि ने संबोधित किया।