उपेक्षा / 2024-07-10 15:05:14

आंगनबाड़ी केंद्र उपेक्षित,कागजी खानापूर्ति पर केन्द्र, ग्रामीण बच्चों को लेकर चिंतित। हाकिम उदास। (रूपेश कुमार)

कटिहार....नौनिहालों को उचित पोषण आहार के साथ अच्छी प्रारंभिक शिक्षा मिल सके इसके लिए समेकित बाल विकास परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन इसके ठीक उल्टा समेली प्रखंड क्षेत्र के छोहार पंचायत वार्ड संख्या 09 दोलंगी के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 69 सेविका कुमारी रूचि का केन्द्र कभी खुलता ही नहीं है। इस कारण से यहां पर आने वाले बच्चों को उचित शिक्षा व पोषाहार नहीं मिल पा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधि व विभागीय आलाधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी केंद्र की सेविका और सहायिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों कि अनदेखी का खामियाजा नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब है कि बरंडी नदी तट पर बसे छोहार पंचायत के दोलंगी गांव के लोग सड़क, शिक्षा व अन्य सरकारी लाभों से वंचित अभाव ग्रस्त जिंदगी जी रहे हैं। यहां के लोगों को मुख्य मार्ग से जुड़ने के लिए सड़क तक नसीब नहीं है।बरसात के दिनों में आवागमन के लिए नाव ही एकमात्र साधन है। ऐसे में पंचायत के पिछड़ा वार्ड होने की वजह से शासन द्वारा यहां के नौनिहालों के शारीरिक और मानसिक विकास की दिशा में उचित पोषाहार के साथ अच्छी प्रारंभिक शिक्षा मिल सके इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र खोला गया था। लेकिन केंद्र पर कार्यरत कार्यकर्ता और सहायिका की मनमानी तथा महिला पर्यवेक्षिका व अन्य अधिकारियों की अनदेखी के कारण आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुल रहा है। स्थिति यह है कि केंद्र के गेट पर ताले लटकते रहतें हैं। जिसके कारण बच्चों के अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसा भी नही हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र में बरती जा रही लापरवाही की खबर विभागीय आला अधिकारियों को ना हों उसके बाद भी विभाग द्वारा आज तक किसी प्रकार के निरीक्षण व कार्यवाही कि जहमत नही उठाई है। बच्चों की शिक्षा और उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए संचालित दोलंगी वार्ड संख्या 09 में सरस्वती स्थान से सटे आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 69 सेविका कुमारी रूचि की केंद्र सिर्फ कागजी खानापूर्ति में सिमट कर रह गई है। बंद पड़े केंद्र में कुर्सी चौकी व बक्से के ऊपर जमे हुए धूल और बाहर जंगल व कचरे का अंबार केंद्र की बदहाली को साफ प्रदर्शित कर रही है जिसके चलते धरातल पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं आम जनमानस तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है।वहीं बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।इस मनमानी से गांव के लोग आजिज आ गए हैं। यह आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ कागजों में चलता है।ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र हमेशा बंद पड़ा रहता है।कभी भी केंद्र पर अन्नप्राशन,गोद भराई,टीएचआर वितरण आदि कुछ भी गतिविधि नहीं होती है। आरोप लगाया कि कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चों व धातृ महिलाओं के हाथों में नगद राशि व अन्य सामग्री रखकर फोटो खींची जाती है और पुनः वापस ले ली जाती है। ऐसे में ग्रामीणों ने कई बार विरोध भी जताया पर कोई अमल नहीं हुआ। कई ग्रामीणों ने बताया कि बंद का कारण पूछने पर सेविका ने बताई कि यह केंद्र दूसरे जगह चला गया है। यूं कहा जाए तो आते जाते राहगीरों व अन्य गांवों के ग्रामीणों को भी पता है कि यह केन्द्र हमेशा बंद रहता है,पर विभागीय अनदेखी का कोई वजह नहीं दिख रहा है।अब देखना यह है कि कब तक इसी तरह मनमानी चलता रहता है और नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहता है। वहीं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी समेली, कुमारी स्नेहलता ने कहा कि ज्यादा इस मैटर में बात नहीं करेंगे पहले सेंटर देखेंगे व पूछेंगे क्यों बंद रहता है फिर कार्यवाही होगी।

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