51 वें मिथिला विभूति पर्व का तीन दिवसीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक महाकुम्भ आज से। (आलोक आशीष)

दरभंगा...बिहार सरकार द्वारा राजकीय पर्व के रूप मे घोषित कवि कोकिल विद्यापति के निर्वाण दिवस कार्तिक धवल त्रयोदशी पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह का शुभारंभ शनिवार 25 नवंबर को पूर्वाह्न 10 बजे विद्यापति चौक स्थित महाकवि कोकिल विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ होगी। जबकि महाकवि विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने उपरांत मिथिला के पारंपरिक परिधान में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें शोभायात्रा प्रभारी विनोद कुमार झा एवं प्रो चन्द्र शेखर झा बूढ़ा भाई के नेतृत्व में शहर के रामबाग से निकलने वाली मिथिला के गौरवशाली परंपरा को बयां करती आकर्षक झांकियां शहर के विभिन्न मार्गों व चौक-चौराहों से होते हुए वाया टावर चौक , मिर्जापुर, शास्त्री चौक व दरभंगा रेलवे स्टेशन होते हुए विद्यापति चौक पर पहुंचेगी। झांकी के साथ कलश लेकर चलने वाली महिलाओं की कतार आकर्षण का केंद्र बनेगी।जानकारी देते हुए विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि मनोहारी झांकियों के साथ निकलने वाली यह शोभा यात्रा विद्यापति चौक से आकाशवाणी रोड होते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर, कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय परिसर, केंद्रीय पुस्तकालय होते हुए श्यामा मंदिर पहुंचेगी । इस क्रम में इस मार्ग में पड़ने वाले मिथिला विभूतियों क्रमशः पंडित सुरेंद्र झा 'सुमन', पूर्व सांसद स्व भोगेन्द्र झा, महाराज महेश ठाकुर, महाराज रामेश्वर सिंह, ललित नारायण मिश्र, डा भीमराव अम्बेडकर, महाराज कामेश्वर सिंह, महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह, बाबा नागार्जुन आदि की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शोभा यात्रा में मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के अभियानी भी शामिल होंगे। अभियानी अपने हाथ में मिथिलाक्षर में लिखी तख्ती रखेंगे, ताकि आम लोगों को मिथिलाक्षर सीखने के प्रति जागरुक किया जा सके। शोभायात्रा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह, कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर, नगर विधायक संजय सरावगी, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा, पूर्व विधान पार्षद डा दिलीप कुमार चौधरी, दरभंगा की पूर्व मेयर वैजयन्ती खेड़िया आदि भी शामिल होंगे। प्रथम दिन के संध्याकालीन कार्यक्रम की शुरुआत विद्यापति संगीत की पारंपरिक प्रस्तुति के साथ होगी। तदुपरांत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के आधार पर चयनित व्यक्तियों को मिथिला विभूति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा और इसके बाद भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और मैथिली नाटक 'गोनू झा' का मंचन होगा, जिसमें मैथिली नाट्य मंच के स्थापित कलाकार अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरेंगे। समारोह के दूसरे दिन 'मिथिलाक गाम' विषयक राष्ट्रीय सेमिनार एवं भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। सेमिनार प्रभारी मणिकांत झा ने बताया कि सेमिनार के लिए प्रस्तावित विषय पर छह दर्जन से अधिक आलेख प्राप्त हुए हैं, जिन्हें पुस्तकाकार किए जाने का कार्य अंतिम चरण में है और समारोह के दूसरे दिन एमएलएसएम कॉलेज के सेमिनार कक्ष में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस पुस्तक का लोकार्पण किया जाएगा।कवि सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए आयोजन समिति के कवि-गोष्ठी संयोजक हरिश्चंद्र हरित ने बताया कि समारोह के दूसरे दिन संध्या बेला में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। समारोह के तीसरे दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। डा. बैजू ने बताया कि यह साहित्यिक एवं सांस्कृतिक महाकुंभ यादगार होगा। इसमें आम मिथिला वासी से लेकर भारी संख्या में पड़ोसी देश नेपाल एवं प्रवासी मैथिल भाग लेंगे।मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने बताया कि मिथिला लोक-चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के परिणाम की घोषणा 27 नवम्बर को दिन में होगी। जबकि पुरस्कार वितरण मुख्य समारोह में इसी दिन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समारोह के अंतिम दिन इस बार मिथिला व्यंजन मेला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें लोग मिथिला के पारंपरिक लजीज व्यंजन के स्वाद का लुत्फ़ उठा सकेंगे।

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