उपेक्षा / 2023-11-09 10:54:56

पदाधिकारियों की बेरूखी जनता को नापसंद। (केशव कुमार)

कुशेश्वरस्थान पूर्वी(दरभंगा)....कुशेश्वरस्थान पूर्वी नगर पंचायत में पदाधिकारी के नही आने से यहां के प्रतिनिधि नाराज है और नगर पंचायत के पदाधिकारियों का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि नगर पंचायत निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथग्रहण के 11 महीने बाद भी नगर पंचायत में विकास का कोई काम नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं कार्यपालक पदाधिकारी सहित नगर पंचायत में नियुक्त कर्मियों के नहीं आने से कार्यालय में ताला लटका रहता है। कार्यालय में ताला लटके रहने से मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद सहित सभी वार्ड पार्षदों को बैठने तक कि स्थायी जगह नहीं है। जिससे सभी जनप्रतिनिधियों को जहां तहां भटकना पड़ता है। मालूम हो कि 13 वार्ड पार्षदों वाले कुशेश्वरस्थान पूर्वी नगर पंचायत के गठन के बाद 18 दिसंबर 2022 को चुनाव,22 दिसंबर 2022 को मतगणना में सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने 13 जनवरी 2023 को शपथ लेकर विधिवत कार्यभार संभाला लिया। शपथ ग्रहण के 11 महीने बीतने के बाद भी अब तक नगर पंचायत के किसी भी वार्ड में विकास का कोई काम नहीं हुआ है। सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में विकास कराने के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं। मुख्य पार्षद शत्रुघ्न पासवान उपमुख्य पार्षद सुजीत पासवान,वार्ड 13 के वार्ड पार्षद गौतम प्रसाद सिंह सहित सभी वार्ड पार्षद नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर कार्यालय में ताला लटका देख कर आक्रोश व्यक्त करते हुए सभी ने कार्यपालक पदाधिकारी जयचंद्र अकेला पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। कहा कि नगर पंचायत के विभिन्न पदों पर नियुक्त 8 कर्मी भी कार्यालय पर झांकने तक नहीं आते हैं। उपस्थित पार्षदों ने बताया कि विभिन्न पदों पर नियुक्त कर्मियों की बहाली कैसे हुई और कौन-कौन किस पद पर है।इसका भी कोई जानकारी किसी जनप्रतिनिधि को नहीं है। मुख्य पार्षद श्री पासवान ने बताया कि नगर पंचायत में विकास का कोई काम नहीं होने से जनप्रतिनिधियों को वार्ड के लोगों का कोपभाजन होना पड़ रहा है। कहा कि सरकार कुशेश्वरस्थान को नगर पंचायत का दर्जा तो दिया गया। लेकिन लोगों को शहरी जैसा मिलने वाला सुविधा यहां नदारत है। वहीं वार्ड नम्बर 13 के वार्ड पार्षद गौतम प्रसाद सिंह ने बताया कि कई बार कार्यपालक पदाधिकारी को कार्यालय में बैठने के लिए कहा गया है, और कुशेश्वरस्थान पूर्वी नगर पंचायत में विकाश कार्य को लेकर कहा गया है लेकिन कोई विकास नही हुआ है, विकास के नाम पर यहां के लोगो को सिर्फ ढांढस दिखाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोक आस्था का महा पर्व छठ पर्व को लेकर नगर पंचायत के विभिन्न छठ घाटो पर भी अब तक कोई सुविधा नही शुरू की गई है तो आगे क्या विकास हो सकता है इसी से अनुमान लगाया जा सकता है? इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी जयचन्द अकेला ने बताया कि कई नगर पंचायत के प्रभार में रहने से लगातार एक जगह कार्य करना संभव नहीं है।रही बात विकास कार्य नहीं होने की तो सभी वार्डों से तत्काल डेढ़ दर्जन योजनाओं के तकनीकी स्वीकृति के लिए नगर विकास प्रमंडल दरभंगा को भेजा गया। लेकिन नगर विकास प्रमंडल मधुबनी ने अपने पत्र के हवाले से कुशेश्वरस्थान पूर्वी नगर पंचायत उनके अधीन होने की जानकारी दी। नगर विकास प्रमंडल दरभंगा और मधुबनी के बीच फंसे मामले को लेकर तकनीकी स्वीकृति मिलने में बिलंब के कारण विकास कार्य रुका हुआ है। जैसे ही नगर विकास प्रमंडल दरभंगा और मधुबनी के मामले का निराकरण होता है विकास का काम शुरू हो जाएगा।नगर पंचायत के लोगों का कहना है कि सरकार तो नगर पंचायत का दर्जा दे दिया है लेकिन हम लोगों का यह एक सपना ही रह गया कि यहां शहरी क्षेत्र जैसे विकास होगी इससे अच्छा तो यहां ग्राम पंचायत ही था ताकि कोई भी काम होता था तो ग्राम पंचायत मुखिया हो या वीडियो के यहां से काम हो जाता था, ऐसे कार्यालय से लौटना नहीं पड़ता था। कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत बनने के बाद से क्या विकास किए हैं वह धरातल पर साफ स्पष्ट दिख रहा है सिर्फ कार्यपालक पदाधिकारी कागजात पर ही विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं।

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